हिंदी बोर्ड प्रश्नपत्रिका

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1. अ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढकर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाॅ कीजिए :

दर्द के मारे एक तो मरीज को वैसे ही नींद नहीं आती, यदि थोड़ी-बहुत आ भी जाए तो मिलने वाले जगा देते हैं-खास कर वे लोग, जो सिर्फ औपचारिकता निभाने आते हैं। इन्हें मरीज से हमदर्दी नहीं होती, ये सिर्फ सूरत दिखाने आते हैं। ऐसे में एक दिन मैंने तय किया कि आज कोई भी आए, मैं आँख नहीं खोलूँगा । चुपचाप पड़ा रहूँगा। ऑफिस के बड़े बाबू आए और मुझे सोया जानकर वापस जाने के बजाय वे सोचने लगे कि यदि मैंने उन्हें नहीं देखा तो कैसे पता चलेगा कि वे मिलने आए थे। अतः उन्होंने मुझे धीरे-धीरे हिलाना शुरू किया। फिर भी जब आँखें नहीं खुलीं तो उन्होंने मेरी टाँग के टूटे हिस्से को जोर से दबाया। मैंने दर्द के मारे कुछ चीखते हुए जब आँख खोली तो वे मुस्कराते हुए बोले- "कहिए, अब दर्द कैसा है ?"

मुहल्लेवाले अपनी फुरसत से आते हैं। उस दिन जब सोनाबाई अपने चार बच्चों के साथ आई तो मुझे लगा कि आज फिर कोई दुर्घटना होगी। आते ही उन्होंने मेरी ओर इशारा करते हुए बच्चों से कहा-"ये देखो चाचा जी !” उनका अंदाज कुछ ऐसा था जैसे चिड़ियाघर दिखाते हुए बच्चों से कहा जाता है-"ये देखो बंदर।"


1) लिखिए :

औपचारिकता निभानेवालों की विशेषताए

i) .........................

ii) ........................

उत्तर :

औपचारिकता निभानेवालों की विशेषताए

i) इन्हें मरीज से हमदर्दी नहीं होती।

ii) ये सिर्फ सूरत दिखाने आते है।


2) आकृति में लिखिए :

उत्तर :


3)  (1) गद्यांश में प्रयुक्त शब्द-युग्म ढॅूढकर लिखिए :

i) ...................... 

ii) .....................

उत्तर :

i) थोडी - बहुत

ii) धीरे - धीरे


2) लिखिए :

उत्तर :


4) 'मरीज से मिलने जाते समय कौन-कौन-सी सावधानियाँ बरतनी चाहिए', इस विषय पर अपने विचार लिखिए। 

उत्तर :

प्रायः सभी को कभी-न-कभी मरीजों से मिलने अस्पताल में जाना पड़ता है। मरीज से मिलने जाते समय कुछ सावधानियाँ बरतना अत्यंत आवश्यक है। मरीज से मिलने जाते समय हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि हमारी वजह से उसे कोई कष्ट न पहुँचे। बच्चे चुलबुले होते हैं। इसलिए मरीज के पास बच्चों को नहीं लेकर जाना चाहिए। बीमारी में दवा और पथ्य के साथ मरीज को आराम व अच्छी नींद आवश्यक है। अतः मरीज के पास ज्यादा देर तक बैठना, जोर-जोर से बोलना, मरीज की बीमारी के बारे में नकारात्मक बातें करना आदि उचित नहीं है। जहाँ तक हो सके, मरीज का उत्साह बढ़ाना चाहिए। अस्पताल में डॉक्टर मरीज को उसकी आवश्यकता के अनुसार दवाएँ देते हैं। इसलिए मरीज से देसी नुस्खे आजमाने की बातें नहीं करनी चाहिए औरन ही डॉक्टर की दवा के बारे में रोगी के मन में किसी तरह का भ्रम पैदा करना चाहिए।


आ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए :

अम्मा बताती हैं-हमारी शादी में चढ़ावे के नाम पर सिर्फ पाँच ग्राम सोने के गहने आए थे, लेकिन जब हम विदा होकर रामनगर आए तो वहाँ उन्हें मुँह दिखाई में गहने मिले। सभी नाते-रिश्तेवालों ने कुछ-न-कुछ दिया था। जिन दिनों हम लोग बहादुरगंज के मकान में आए, उन्हीं दिनों तुम्हारे बाबू जी के चाचा जी को कोई घाटा लगा था। किसी तरह से बाकी का रुपया देने की जिम्मेदारी हमपर आ पड़ी बात क्या थी, उसकी ठीक से जानकारी लेने की जरूरत हमने नहीं सोची = और न ही इसके बारे में कभी कुछ पूछताछ की।

एक दिन तुम्हारे बाबू जी ने दुनिया की मुसीबतों और मनुष्य की मजबूरियों को समझाते हुए जब हमसे गहनों की माँग की तो क्षण भर के लिए हमें कुछ वैसा लगा और गहना देने में तनिक हिचकिचाहट महसूस हुई पर यह सोचा कि उनकी प्रसन्नता में हमारी खुशी है, हमने गहने दे दिए। केवल टीका, नथुनी, बिछिया रख लिए थे। वे हमारे सुहागवाले गहने थे। उस दिन तो उन्होंने कुछ नहीं कहा, पर दूसरे दिन वे अपनी पीड़ा न रोक सके। कहने लगे- "तुम जब मिरजापुर जाओगी और लोग गहनों के संबंध में पूछेंगे तो क्या कहोगी ?"


1) i) आकृति में लिखिए :

उत्तर :


ii) 

उत्तर :


2) निम्नलिखित वाक्य उचित क्रम लगाकर लिखिए :

i) मुँह दिखाई में गहने मिले।

ii) बाबू जी अपनी पीड़ा न रोक सके।

iii) विदा होकर रामनगर आना ।

iv) पाँच ग्राम सोने के गहने आना।

उत्तर :

iv) पाँच ग्राम सोने के गहने आना।

iii) विदा होकर रामनगर आना ।

i) मुँह दिखाई में गहने मिले।

ii) बाबू जी अपनी पीड़ा न रोक सके।


3) वचन परिवर्तन करके लिखिए :

i) रिश्ता - रिश्ते

ii) दिन - दिन

iii) शादी - शादीयाॅ

iv) मुसीबत - मुसीबतें


 4) 'पारिवारिक सुख-दुख में प्रत्येक का सहभाग' इस विषय पर 25 से 30 शब्दों में अपने विचार लिखए ।

उत्तर :

 परिवार में रहने वाला प्रत्येक व्यक्ति परिवार का सदस्य होता है। परिवार हर सदस्य के दुख-सुख का ध्यान रखता है। हर सदस्य की जरूरतों की पूर्ति करता है। परिवार उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाता है। इस तरह परिवार के सदस्य निश्चिंत जीवन जीते हैं। इसके साथ ही परिवार के सदस्यों का भी परिवार के प्रति कुछ कर्तव्य होता है। हर व्यक्ति अपनी क्षमता और योग्यता के अनुसार परिवार को अपना सहयोग देता है। परिवार के किसी सदस्य पर कोई संकट आता है, तो परिवार के सभी सदस्य बैचेन हो जाते हैं। हर सदस्य अपने-अपने तरीके से उससे निपटने के लिए अपना सहयोग देने के लिए अधीर हो उठता है। इस तरह के सहयोग से संकट में पड़ा हुआ सदस्य संकट से उबर जाता है। यह परिवार के प्रत्येक सदस्य के सहयोग से ही संभव होता है।

अतः पारिवारिक सुख-दुख में परिवार के प्रत्येक व्यक्ति का सहयोग होना बहुत जरूरी है। 



इ) निम्नलिखित अपठित गद्यांश पढकर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाॅ कीजिए :



1) संजाल पूर्ण कीजिए :



2) 'वाणी का महत्त्व' इस विषय पर 25 ते 30 शब्दों में अपने विचार व्यक्त कीजिए। 

उत्तर :

वाणी मनुष्य को ईश्वर की अनमोल देन है। वाणी में बहुत शक्ति होती है। वाणी के सदुपयोग से न सिर्फ हम लोगों की प्रशंसा प्राप्त कर सकते हैं बल्कि अपने बिगड़े काम भी बना सकते हैं। मृदु एवं शिष्ट वाणी हमारे लिए काफी लाभप्रद सिद्ध होती है। वाणी से घर में मेल-जोल बना रहता है। इसके विपरीत कभी-कभी बैठे-बिठाए हम अपनी वाणी से लोगों को अपना दुश्मन बना लेते हैं। अपने बनते हुए काम बिगाड़ लेते हैं। कटु और अशिष्ट वाणी का प्रयोग करके मनुष्य तिरस्कार और अपमान का पात्र बन जाता है। वाणी कभी-कभी आपसी मनमुटाव का कारण भी बन जाती है। इस तरह वाणी में बहुत शक्ति होती है। हमें ईश्वर की इस देन का समझ- बूझ कर उपयोग करना चाहिए।



2. अ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पढकर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाॅ कीजिए :



1) लिखिए :

पद्यांश में आए जल स्त्रोत - 

i) ..................  

ii) ..................  

iii) ..................  

iv) ..................  

उत्तर :

i) घन / बादल 

ii) नदी / सरिता

iii) तलावा

iv) जलनिधि


2) निम्न शब्दों के लिए पद्यांश में प्रयुक्त समानार्थी शब्द लिखिए :


3) उपर्युक्त पद्यांश की अंतिम चार पंक्तियाॅ का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों  में लिखिए। 

उत्तर :

छोटी नदियाँ वर्षा के जल से भरकर अपने किनारों को तोड़ती हुई आगे बढ़ती जा रही हैं, जैसे मामूली धन पाकर भी दुष्ट लोग इतराने लगते हैं (यानी मर्यादा का त्याग कर देते हैं)। पृथ्वी पर गिरते ही पानी गेंदला हो गया है, मानो प्राणी से माया लिपट गई हो।

वर्षा का पानी एकत्र होकर तालाबों में भर रहा है। जैसे एक-एक कर सद्गुण सज्जन व्यक्ति के पास चले आते हैं। नदी का पानी समुद्र में जाकर उसी प्रकार स्थिर हो जाता है जिस प्रकार जीवन हरि (ईश्वर) को प्राप्त कर अचल (आवागमन से मुक्त) हो जाता है।


आ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पढकर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाॅ कीजिए :


1) उचित जोडियाॅ मिलाकर लिखिए :


2) i) उपसर्ग ओेर प्रत्यय लगाकर नये शब्द लिखिए "


ii) निम्न शब्दों के लिए पद्यांश में आए विलोमार्थी शब्द लिखिए :

i) अज्ञान X ...................

ii) दानव X ..................

उत्तर :

i) अज्ञान X ज्ञान

ii) दानव X देव


3) पद्यांश की प्रारंभिक चार पंक्तियों का सरल अर्थ 25 ते 30 शब्दों में लिखिए। 

उत्तर :

भारत के लोग सदा से चरित्रवान रहे हैं। हमारी भुजाओं में भरपूर शक्ति रही है। भारतीयों में वीरता की कभी कमी नहीं रही। साथ ही नम्रता सदा हमारा गुण रहा है। हमने कभी अपनी उपलब्धियों पर घमंड नहीं किया। हमें अपनी सभ्यता और संस्कृति पर गर्व रहा है। हम सभी किसी को दुखी नहीं देख सके। दीन-दुखियों की सेवा करने के लिए हम भारतीय सदैव तत्पर रहते हैं।

हम यदि धन और संपत्ति का संग्रह करते भी थे, तो दान के लिए करते थे। दानवीरता भारतीयों का गुण रहा है। हमारे देश में अतिथियों को सदा देवता के समान माना जाता था। भारत के लोग सत्य बोलना अपना धर्म मानते थे। (भारतीय सत्यवादी हरिश्चंद्र की संतानें हैं।) हमारे ह्रदय में तेज था, गौरव था। हम सदा अपनी प्रतिज्ञा पर अटल रहते थे। प्राण जाए पर वचन न जाए हमारा जीवनमूल्य रहा है। 


विभाग 3 - पूरक पठन : 8 अंक

3. अ) निम्नलिखित पठित गद्यांश पढकर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाॅ कीजिए :


1) एक-दो शब्दों में उत्तर लिखिए :

i) इसका तिलक आया था -

उत्तर :

मुखराम का


ii) द्वार पर बज रही थी -

उत्तर :

शहनाई


iii) बडे हंडे में पक रही थी -

उत्तर :

मसालेदार तरकारी


iv) चारपाइयों पर विश्राम कर रहे थे -

उत्तर :

मेहमान


2) 'सांस्कृतिक परंपरा के संवर्धन में हमारा योगदान' इस विषय पर अपने विचार 25 ते 30 शब्दों में लिखिए।

उत्तर :

हमारा देश संस्कारप्रधान और परंपराओं को मानने वाला देश है। हमें जन्म से अपने परिवार के लोगों द्वारा अच्छी आदतों की शिक्षा दी जाती है। लोगों का सम्मान करना, सबके साथ अच्छा बर्ताव करना, असहाय लोगों की मदद करना, अतिथियों की सेवा करना जैसे पाठ सीख कर हम बड़े होते हैं। परिवार और समाज में प्राचीन काल से चली आई परंपराएँ और मान्यताएँ हमारे जीवन का अंग होती हैं। हम इनसे गहराई से जुड़े हुए होते हैं। हमारे यहाँ गर्भाधान संस्कार से लेकर नामकर्म, अन्नप्राशन, केशांत, विद्यारंभ, विवाह तथा अंत्येष्टि आदि विभिन्न संस्कार हमारे जीवन के अंग हैं, जिनका हम आज भी कमोवेश ढंग से पालन करते हैं। शादी-ब्याह, त्योहारों तथा विभिन्न कलाओं से संबंधित परंपराएँ आज भी पहले जैसी केवल विद्यमान ही नहीं हैं, बल्कि उनमें और भी वृद्धि हुई है। धार्मिक कृतियाँ, खान-पान, वेशभूषा, पूजा-अर्चना पहले भी हम करते थे और आज भी हमारा उनसे उसी तरह जुड़ाव है।

इस तरह सांस्कृतिक परंपरा के संवर्धन में हमारा सदा योगदान रहा है और यह योगदान सदा बना रहेगा।  


आ) निम्नलिखित पठित पद्यांश पढकर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाॅ कीजिए :


1) ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों :

i) जीवन नैया -

उत्तर :

मॅझधार में कौन डोलती है ?


ii) फागुन -

उत्तर :

अपने साथ रंग लेकर कौन आता है ? 


2) 'जीवन एक संघर्ष है' इस पर अपने विचार 25 से 30 शब्दों में लिखिए। 

उत्तर :

जन्म होने से लेकर मृत्यु होने तक मनुष्य का जीवन संघर्षों से भरा हुआ होता है। मनुष्य के जीवन में नित नए संघर्ष आते रहते हैं, जिनसे उन्हें लडना पड़ता है। एक तरह से यह कहा जाए कि संघर्ष ही जीवन है, तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। न चाहकर भी मनुष्य को संघर्षों का सामना करना ही पड़ता है। जो व्यक्ति संघर्ष करने से भागते हैं, वे जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ पाता जो लोग हँसते-हँसते संघर्षो से लोहा लेते हैं वे ही संघर्षो पर विजय पाते हैं और समाज और देश में अपना भविष्य सँवार कर अपना नाम रोशन करते हैं। संसार में जितनी भी महत्त्वपूर्ण हस्तियाँ हुई हैं, उन्होंने अपने जीवन में कड़े संघर्षों का सामना किया है। संघर्षों पर विजय प्राप्त करके ही उन्होंने महत्त्वपूर्ण पद प्राप्त किया है। इसलिए संघर्षों से कभी घबराना नहीं चाहिए और उसका पूरी ताकत से सामना करके उस पर विजय प्राप्त करनी चाहिए।

इस तरह संघर्ष से मुँह न मोड़ कर यह मानकर संघर्ष को अपनाना चाहिए कि वह जीवन का एक अनिवार्य अंग है। 


विभाग 4 - भाषा अध्ययन (व्याकरण) : 14 अंक

 4. सूचनाओं के अनुसार कृतियाॅ कीजिए :

1) निम्नलिखित वाक्य के अधोरेखांकित शब्द का शब्दभेद पहचानकर लिखिए :

आज फिर उसे साक्षात्कार के लिए जाना है। 

उत्तर :

उसे - (अन्य पुरुषवाचक) सर्वनाम। 


2) निम्नलिखित अव्ययों में से किसी एक अव्यय का अर्थपूर्ण वाक्य में प्रयोग कीजिए :

i) क्योंकि 

उत्तर :

रमेश स्कूल नहीं जा सका, क्योंकि वह बीमार था। 


ii) पास 

उत्तर :

जगत के घर के पास सुंदर बगीचा है।  


3) कृति पूर्ण कीजिए :

 शब्द 

संधि-विच्छेद  

संधिभेद 

 ................

परा + अर्थ 

.............. 

 अथवा

 सदाचार

 .............. 

 .............. 

उत्तर :

 शब्द 

संधि-विच्छेद  

संधिभेद 

 परार्थ

परा + अर्थ 

स्वर संधि

 अथवा

 सदाचार

सत् + आचार 

व्यंजन संधि


4) निम्नलिखित वाक्यों में से किसी एक वाक्य की सहायक क्रिया पहचानकर उसका मूल रूप लिखिए :

i) फाटक से पहले ही गाडी रोक दी। 

ii) नौकरी के लिए आवेदन कर चुका। 

 सहायक क्रिया

मूल क्रिया 

 ...................

 ...................


उत्तर :

 सहायक क्रिया

 मूल क्रिया 

 i) दी 

 देना

 ii) चुका 

चुकना 


5) निम्नलिखित क्रियाओं में से किसी एक क्रिया का प्रथम तथा द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए :

 क्रिया 

प्रथम प्रेरणार्थक रूप  

 द्वितीय प्रेरणार्थक रूप

 i) देखना

................ 

 ................ 

 ii) भूलना

................ 

 ................ 


उत्तर :

 क्रिया 

प्रथम प्रेरणार्थक रूप  

 द्वितीय प्रेरणार्थक रूप

 i) देखना

दिखाना

 दिखवाना 

 ii) भूलना

भूलाना 

 भूलवाना


6) निम्नलिखित मुहावरों में से किसी एक मूहावरे का अर्थ लिखकर उचित वाक्य में प्रयोग कीजिए :

 मुहावरा

अर्थ 

वाक्य 

 i) दाद देना 

................ 

................ 

 ii) मुॅह लाल होना

................ 

................ 

 उत्तर :

 मुहावरा

अर्थ 

वाक्य 

 i) दाद देना 

प्रशंसा करना। 

आज आपकी सफलता देखकर आपके अथक परिश्रम की दाद दिए बिना नहीं रहा जाता। 

 ii) मुॅह लाल होना

क्रोधित होना। 

अधिकारी की अपमानजनक बातें सुनकर का मुॅह लाल हो गया। 

अथवा 

अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए कोष्ठक में दिए मुहावरों में से उचित मुहावरे का चयन करके वाक्य फिर से लिखिए :

(काॅप उठना, बोलबाला होना)

सार्वजनिक अस्पताल का खयाल आते ही मैं भयभीत हो गया। 

उत्तर :

सार्वजनिक अस्पताल का खयाल आते ही मैं काॅप उठा। 


7) निम्नलिखित वाक्यों में से किसी एक वाक्य में प्रयुक्त कारक पहचानकर उनका भेद लिखिए :

i) टाॅल्स्टाॅय और चेखव की रचनाएँ भी मुझे प्रिय हैं। 

ii) रूपा उस समय कार्य भार से उद्विग्न हो रही थी। 

 कारक चिह्न

कारक भेद 

 ...................

 ...................


उत्तर :

 कारक चिह्न

 कारक भेद 

 i) की 

 संबंध कारक

 ii) से 

करण कारक 


8) निम्नलिखित वाक्य में यथास्थान उचित विराम-चिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए :

ओह कंबख्त ने कितनी बेदर्दी से पीटा है।

उत्तर :

"ओह ! कंबख्त ने कितनी बेदर्दी से पीटा है।"


9) निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं दो वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए :

i) मेरी सबसे छोटी बहन पहली बार ससुराल जाएगी। 

(अपूर्ण भूतकाल)

उत्तर :

मेरी सबसे छोटी बहन पहली बार ससुराल जा रही थी।


ii) प्राण को मन से अलग करना पडा। 

(सामान्य भविष्यकाल)

उत्तर :    

प्राण को मन से अलग करना पड़ेगा। 


iii) इसने मुझे बहुत प्रभावित किया। 

(पूर्ण वर्तमानकाल)

उत्तर :

इसने मुझे बहुत प्रभावित किया है।


10) i) निम्नलिखित वाक्य का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए :

बाबू जी का एक तरीका था, जो अपने आप आकर्षित करता था। 

उत्तर :

मिश्र वाक्य। 


ii) निम्नलिखित वाक्यों में से किसी एक वाक्य का कोष्ठक में दी गई सूचनानुसार परिवर्तन कीजिए :

1) लिखने से पहले तो मैंने पढना शूरु किया था। 

उत्तर :

लिखने से पहले तो मैंने पढ़ना शुरू नहीं किया था।


2) क्या लोग पहाडों पर घुमने का शोेक रखते हैं।    

उत्तर :

लोग पहाड़ों पर घूमने का शौक रखते हैं।


11) निम्नलिखित वाक्यों में से किन्हीं दो वाक्यों शुद्ध करके वाक्य फिर से लिखिए :

i) पिताजी ने आंदोलनों से भाग लेने से रोकी। 

उत्तर :

पिताजी ने आंदोलनों में भाग लेने से रोका।


ii) यह पसिना किसलिए बहायी है ?

उत्तर :

यह पसीना किसलिए बहाया है ?


iii) मैं ड्राइवर से बुला लाए। 

उत्तर :

मैं ड्राइवर को बुला लाया। 


विभाग 5 - रचना विभाग (उपयोजित लेखन) 

सूचना : आवश्यकतानुसार परिच्छेदों में लेखन अपेक्षित है। 

5. सूचनाओं के अनुसार लेखन कीजिए :

अ) 1) पत्रलेखन :

निम्नलिखित जानकारी के आधार पर पत्रलेखन कीजिए :

उमा/उमेश, 205, नेहरू मार्ग, पुणे से 'नंदनवन कॉलोनी' सातारा में रहनेवाले छोटे भाई मंगेश को राज्यस्तरीय निबंध प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने के उपलक्ष्य में बधाई देते हुए पत्र लिखता/ लिखती है। 

उत्तर :

15 मार्च, 2022

प्रिय मंगेश, 

खुश रहो!

अभी-अभी दैनिक समाचारपत्र 'आज का आनंद' में छपी खबर पढ़ कर पता चला कि राज्यस्तरीय निबंध प्रतियोगिता में तुम्हें प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। यह समाचार पढ़ कर सीना गर्व से फूल उठा। प्यारे भाई, हम सब की ओर से तुम्हें बहुत-बहुत बधाई। 

भाई, जब तुम्हें जिला स्तर पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में तुम्हारे निबंध को प्रथम पुरस्कार के लिए चुना गया था, तभी हमें पूरा विश्वास हो गया था कि राज्यस्तरीय निबंध प्रतियोगिता में भी तुम अवश्य बाजी मारोगे। राज्यस्तरीय निबंध प्रतियोगिता में तुम्हारा प्रथम स्थान पाना हमारे शहर के लिए गर्व की बात है। 

मुझे पूरा विश्वास है कि यह सफलता तुम्हें अपने जीवन में एक दिन उच्च स्थान अवश्य प्रदान करेगी।

हमारी शुभकामनाएँ सदा तुम्हारे साथ हैं।

तुम्हारा भाई,

उमेश,

205, नेहरू मार्ग,

पुणे

ई-मेल आईडी : umesh@abc.com


अथवा 


शुभम/शुभांगी, 45, गणेश नगर, जलगाॅव से व्यवस्थापक, मीरा पुस्तक भंडार, नेताजी मार्ग, नासिक को हिंदी पुस्तकों की माॅग करते हुए पत्र लिखता/लिखती है। 

उत्तर :

1 जून 2022

प्रति.

व्यवस्थापक,

मीरा पुस्तक भंडार,

नेताजी मार्ग, नाशिक.

विषय: हिंदी पुस्तकें मँगाना।

महोदय,

आपका सूचीपत्र प्राप्त हुआ। धन्यवाद। 

मुझे अपने विशेष अध्ययन के लिए हिंदी की निम्नलिखित पुस्तकों की आवश्यकता है। कृपया यह पत्र पाते ही ये पुस्तकें निम्नलिखित पते पर भेजने का कष्ट करें। किताबों पर उचित कमीशन अवश्य दें। साथ में पुस्तकों के मूल्य का बिल भी भिजवा दें।

आपके नियमों के अनुसार पेशगी के रूप में पाँचसौ रुपये आपके निर्देशित बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए हैं।

पुस्तकों के नाम :

1) बृहद हिंदी शब्दकोश ज्ञान मंडल लिमिटेड प्रति - 1

2) गोदान - प्रेमचंद प्रति - 1

3) हिंदी शब्द सागर - नागरी प्रचारिणी सभा प्रति- 1

4) झाँसी की रानी - वृंदावनलाल वर्मा प्रति- 1

5) स्मृति की रेखाएँ - महादेवी वर्मा प्रति - 1

आशा है पुस्तकें शीघ्र भेजने की व्यवस्था करेंगे।

सधन्यवाद। 

आपका विश्वासपात्र,

शुभम

45. गणेश नगर,

जलगाँव। 

ई-मेल आईडी : shubham@abc.com


2) निम्नलिखित गद्यांश पढकर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर गद्यांश में एक-एक वाक्य में हों :

सर सी. वी. वेंकटरमन भारत के उन महान वैज्ञानिकों में से हैं, जिन्हें उनकी ;रमन प्रभाव' की खोज के लिए जाना जाता है। भारत रत्न सी. वी. वेंकटरमन को 1930 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया। 

उनका जन्म 7 नवंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरूचिरापल्ली में हुआ। वे चंद्रशेखर अय्यर तथा पार्वती अमाल की दूसरी संतान थे। रमन के पिता गणित के प्रोफेसर थे। उनके पिता विशाखापट्टनम में ए. वी. एन. कॉलेज में नियुक्त हुए तो पूरा परिवार वहीं चला गया। 

अल्पायु से ही रमन की शैक्षिक प्रतिभा सामने आने लगी। ग्यारह वर्षीय रमन ने ए. वी. एन. कॉलेज में दाखिला लिया। इसके दो वर्ष बाद ही वे मद्रास के प्रतिष्ठित प्रेसीडेंसी कॉलेज में पढने गए। उन्होंने भौतिकी एवं अंग्रेजी में ऑनर्स के साथ बी. ए. की डिग्री हासिल की। उस समय एकेडमिक पढाई में अच्छे छात्र उच्च शिक्षा पाने के लिए विदेश जाते थे। किंतु वे गिरती सेहत की वजह से नहीं जा पाए अत: उसी कॉलेज में पढते रहे और उन्होंने एम. ए. ऑनर्स की डिग्री ली। 

उत्तर :

तैयार किए हुए प्रश्न :

i) सर सी. वी. वेंकटरमन को किस खोज के लिए जाना जाता है ?

ii) सी. वी. वेंकटरमन को किस प्रभाग में नोबेल पुरस्कार मिला था ?

iii) सी. वी. वेंकटरमन का जन्म कहाॅ हुआ था ?

iv) सी. वी. वेंकटरमन ने एम. ए. ऑनर्स की डिग्री किस कॉलेज से ली ?


आ) 1) वृत्तांत लेखन :

नेताजी विद्यालय, औरंगाबाद में मनाए गए 'स्वच्छता अभियान' का 60 से 80 शब्दों में वृत्तांत लेखन कीजिए। 

(वृत्तांत में स्थल, काल, घटना का उल्लेख होना अनिवार्य है।)

उत्तर ;

औरंगाबाद के नेताजी विद्यालय में स्वच्छता अभियान संपन्न

औरंगाबाद, 3 अक्तूबर, 2022. कल 2 अक्तूबर, 2022 को गांधी जयंती के अवसर पर नेताजी विद्यालय की ओर से स्वच्छता अभियान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों ने सुबह 8 बजे से विद्यालय परिसर एवं आसपास के क्षेत्रों को साफ किया। रंग-रोगन से विद्यालय के परिसर और वर्ग के कमरों को सजाया।

इस अवसर पर विद्यालय के प्रांगण में एक समारोह का भव्य आयोजन किया गया। समारोह के अध्यक्ष स्थानीय पार्षद दीनानाथ भटकर थे। इस अवसर पर छात्रों एवं अध्यापकों के अतिरिक्त विद्यार्थियों के अभिभावक भी उपस्थित थे। 

विद्यालय के मुख्याध्यापक श्री जतिन देसाई ने अध्यक्ष महोदय का स्वागत किया और उनका परिचय दिया। अध्यक्ष महोदय ने स्वच्छता की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

अंत में विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक श्री सचिन राणे ने उपस्थित महानुभावों का आभार व्यक्त किया। दोपहर 12 बजे कार्यक्रम की समाप्ति हुई।


अथवा


कहानी लेखन :

निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर 70 ते 80 शब्दों में कहानी लिखकर उचित शीर्षक दीजिए तथा सीख लिखिए :

मोहन और माता-पिता - सुखी परिवार - मोहन हमेशा मोबाइल पर - कान में इयरफोन - माता-पिता का मना करना - मोहन का ध्यान न देना - सडक पार करना - कान में इयरफोन - दुर्घटना - सीख। 

उत्तर :

लत का परिणाम

मोहन अपने माता-पिता का इकलौता पुत्र था। सुखी परिवार था। माता-पिता और मोहन, बस ! छोटा परिवार, न कोई चिल्ल-पों, न कोई पारिवारिक तनाव।

मोहन के पिता शहर की एक कंपनी में अधिकारी थे। अच्छा वेतन था। मोहन माता-पिता का दुलारा बेटा था। जिस चीज की माँग करता वह चीज हाजिर हो जाती। पढ़ने-लिखने में भी वह अच्छा था। लेकिन उसे एक बुरी आदत थी। जब देखो तब वह मोबाइल से खेलता रहता था। हाथ में मोबाइल और कान में इयरफोना माता-पिता ने लाख समझाया कि उसकी यह आदत अच्छी नहीं है, पर उसके कानों पर जूँ नहीं रेंगती।

एक दिन कानों में इयरफोन लगाए हुए वह कालेज जा रहा था। कालेज उसके घर के पास ही था, पर सड़क पार करके जाना पड़ता था। सड़क पर हमेशा मोटर गाड़ियों का ताँता लगा रहता था।

मोहन अपनी धुन में कान में इयरफोन लगाए सड़क पार कर रहा था। तभी एक ओर से तेजी से एक कार आ रही थी। कार ने बार-बार हार्न बजाया, पर कान में इयरफोन लगा होने से उसे कुछ सुनाई नहीं दिया।

कार के ड्राइवर ने उसे बचाने की बहुत कोशिश की, पर मोहन को कार का ऐसा धक्का लगा कि वह सड़क से दूर जा गिया लोगों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। पंद्रह दिन उसे अस्पताल में रहना पड़ा और दवा-प्लास्टर का खर्च अलग। मोहन को अपनी यह गलती समझ में आ गई। उसने अब मोबाइल की लत से किनारा कर लिया।

सीख : लत कोई भी हो, बुरी होती है।


2) विज्ञापन लेखन :

निम्नलिखित जानकारी के आधार पर 50 ते 60 शब्दों में विज्ञापन तैयार कीजिए :

उत्तर :


इ) निबंध लेखन :

निम्नलिखित विषयों में से किसी एक विषय पर 80 से 100 शब्दों में निबंध लिखिए :

1) मेरा प्रिय त्योहार

उत्तर :

मेरा प्रिय त्योहार : दशहरा 

यों तो हमारे देश में अनेक त्योहार हैं। सबकी अपनी-अपनी विशेषता है। इन सब में मुझे दशहरे का त्योहार सबसे ज्यादा अच्छा लगता है। यह मेरा प्रिय त्योहार है।

दशहरा हिंदुओं के चार त्योहारों में प्रमुख है। भगवान राम की विजय के उपलक्ष्य में यह विजयादशमी भी कहलाता है। शरद ऋतु का यह त्योहार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाया जाता है। प्रथमा से ही नवरात्रि प्रारंभ हो जाती है। अनेक प्रांतों में गली-गली में नाट्य कला के कलाकारों द्वारा रामायण के विभिन्न प्रसंग दिखाए जाते हैं। बाजार खूब सजाए जाते हैं। क्षत्रिय इस दिन अपने अस्त्र-शस्त्रों की पूजा करते हैं।

विजयादशमी के दिन सभी का उत्साह देखते ही बनता है। मेलों का आयोजन किया जाता है। रामलीला का मंचन किया जाता है। वहाँ बम व पटाखे भरकर रावण, कुम्भकरण और मेघनाद के पुतले बनाए जाते हैं। राम और रावण के दल की शोभा- यात्रा निकाली जाती है। रावण दहन किया जाता है।

विजयादशमी का दिन हमारी सांस्कृतिक एकता का आधार है। इस अवसर पर बंगाली समुदाय द्वारा जगह-जगह पर महिषासुर-मर्दिनी माँ दुर्गा की बड़ी भव्य प्रतिमाएँ बनाई जाती हैं और बड़ी श्रद्धा से उनकी पूजा की जाती है।

यह त्योहार हमें प्रेरणा देता है कि अन्याय का प्रतिकार करना मानव मात्र का कर्म है। दशहरा वास्तव में अनाचार पर सदाचार की, पाप पर पुण्य की, अधर्म पर धर्म की विजय का द्योतक है। 

इन सब विशेषताओं के कारण दशहरा मेरा प्रिय त्योहार है।  


2) नदी की आत्मकथा 

उत्तर :

मैं पर्वतराज हिमालय की पुत्री गंगा नदी हूँ। लोग मुझे अत्यंत पावन मानते हैं। मेरा बचपन पर्वत के घने जंगलों तथा हरी-भरी घाटियों में बीता। तब मैं बहुत नटखट थी। उस समय मेरा जल दर्पण के समान स्वच्छ था। 

पर्वत से नीचे उतरकर मेरा विस्तार बढ़ा, परंतु मेरी गति धीमी हो गई। धीरे- धीरे मेरे किनारों पर गाँव और नगर बसने लगे। प्रयागराज, वाराणसी, कोलकाता आदि नगर मेरे कारण ही विशेष माने जाते हैं।

मेरे तटों पर घाट बनाए गए। मुझ पर बाँध बाँधे गए। मुझसे नहरें निकाली गई। मेरे ऊपर पुल बनाए गए। उन पर सड़कें और रेल की पटरियाँ बिछा दी गई। तरह-तरह की रेलें और मोटरें मेरे ऊपर दौड़ने लगीं। मेरे जल में नावें चलाई जाने लगीं। 

लोग मेरा जल पीने, खाना बनाने, नहाने-धोने और खेतों की सिंचाई आदि विभिन्न कामों में लाते हैं। लोक कल्याण करना ही मेरे जीवन का उद्देश्य है। परंतु कभी बहुत अधिक वर्षा से मुझमें बाढ़ आ जाती है तो लोगों को बहुत नुकसान होता है। मुझे तब बहुत दुख होता है। पर लोग भी तो मुझ में नालियों का गंदा पानी, कारखानों का रासायनिक कचरा छोड़कर मुझे प्रदूषित करने से नहीं चूकते। खैर, सरकार का ध्यान इस ओर गया है और मेरे जल की सफाई का काम हो रहा है। इससे मुझे खुशी है।

जो भी हो, मेरी जलधारा सदैव बहती रहती है। प्रत्येक जीव-जंतु को सुखी बनाती हुई, मैदानों को उपजाऊ बनाते हुए, लगभग ढाई हज़ार किलोमीटर की यात्रा करके अंत में मैं सागर में विलीन हो जाती हूँ।


3) यदि मैं अध्यापक होता ...............

उत्तर :

अध्यापक समाज के निर्माण का एक महत्त्वपूर्ण अंग है। विद्यार्थियों के विकास में माता-पिता के साथ-साथ उनके अध्यापकों का भी योगदान होता है। यदि मैं अध्यापक होता, तो मैं अपने विषय की अधिक-से-अधिक तथा नवीनतम जानकारी प्राप्त करता। मैं यथासंभव प्रयास करता कि मेरे पढ़ाने का ढंग रोचक हो। मैं विद्यार्थियों को केवल पुस्तकीय ज्ञान देकर ही संतोष न कर लेता। मैं विद्यार्थियों के अंदर छिपी हुई प्रतिमा को प्रकाश में लाता। 

मैं स्वयं नियमों का पालन करता और अपने विद्यार्थियों को भी नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करता। मैं उन्हें अनुशासित रहने से होने वाले लाभों के बारे में बताता। मैं नैतिक मूल्यों तथा उच्च आदर्शों का पालन करते हुए उनमें अच्छे संस्कारों का बीजारोपण करता। अध्यापक विद्यार्थियों के आदर्श होते हैं। उनका प्रभाव विद्यार्थियों पर पड़ता है। इसलिए मैं सदा सदाचार का पालन कर, सदा सत्य बोलता, ईमानदारी को अपना आदर्श बनाता। परोपकार व निर्बल सेवा के व्रत का पालन करता

मैं अध्यापक होता, तो विद्यार्थियों को परिवार, समाज और मातृभूमि के प्रति उनके कर्तव्यों का बोध कराता। महापुरुषों के उदाहरण उनके सामने रख कर उनमें नैतिकता और देशप्रेम की भावना का विकास करता, ताकि वे भविष्य में देश केयोग्य नागरिक बन सकें।

काश, मैं अध्यापक होता...

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